गणेश विसर्जन में खैरागढ़ जिले में खूनी संघर्ष, पुलिस बनी मूकदर्शक, एक की मौत, एक गंभीर घायल
रायपुर/खैरागढ़। गणेश विसर्जन के शुभ अवसर पर खैरागढ़ जिले का जश्न अचानक मातम में बदल गया, जब दो अलग-अलग स्थानों पर खूनी संघर्ष की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं में एक युवक की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों ही मामलों में पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन पहली घटना का वीडियो बेहद चौंकाने वाला है। वीडियो में खैरागढ़ पुलिस का जवान मूकदर्शक बनकर तमाशा देखता रहा, जबकि एक युवक पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किए जा रहे थे।
पहली घटना खैरागढ़ नगर के दाऊचौरा विसर्जन स्थल के पास सांस्कृतिक भवन के समीप हुई। गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान अचानक विवाद बढ़ गया और खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। इस दौरान दीपक यादव (21 वर्ष), निवासी दाऊचौरा पर अज्ञात आरोपी ने चाकू से कमर और हाथ में हमला किया। गंभीर रूप से घायल युवक को तत्काल खैरागढ़ सिविल अस्पताल लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी युवक फरार बताया जा रहा है और उसकी खोज जारी है। एएसपी नीतेश गौतम ने पुष्टि की कि घटना स्थल पर खड़ा खैरागढ़ पुलिस का जवान मूकदर्शक बनकर खड़ा रहा, जिसकी वजह से विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
दूसरी घटना छुईखदान थाना क्षेत्र के ग्राम विचारपुर में हुई। यहां पर पुरानी रंजिश के चलते लेखराम महार (40 वर्ष) पर गांव के ही पिताम्बर जंघेल (30 वर्ष) ने पत्थर से सिर पर हमला कर दिया। लेखराम गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन किसी तरह अपने घर पहुंचकर परिजनों को सूचना दी। लेखराम को तत्काल सरकारी अस्पताल छुईखदान में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज जारी है। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।
इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में खलबली मचा दी है। गणेश विसर्जन जैसे पावन अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था की पूरी विफलता को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए क्यों पीछे हट गई और सामने से होते हत्याकांड को रोकने में असफल रही।
अब पुलिस विभाग की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह इन दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाए। प्रशासन को चाहिए कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता को और अधिक सख्त करें, ताकि गणेश विसर्जन जैसे शुभ अवसर पर फिर कभी ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं न घटें।