October 3, 2025

पंजाब में बाढ़ का कहर: हजारों घरों में घुसा मलबा, फसलें बर्बाद, गांवों की हालत दयनीय

पंजाब में सतलुज और रावी नदियों में उफान आने के कारण आई भीषण बाढ़ ने लोगों की जिंदगी उजाड़ दी है। अमृतसर, फिरोजपुर और हुसैनीवाला बॉर्डर के आसपास के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। धीरे-धीरे पानी तो उतर रहा है, लेकिन बाढ़ ने गहरे जख्म छोड़े हैं। हजारों घरों में मलबा घुस चुका है। कई मकान ढह चुके हैं, कई की दीवारें जर्जर हो गई हैं। दो से तीन फीट कीचड़ से भरे घरों में लोग तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर हैं।

खासकर हुसैनीवाला बॉर्डर के ग्रामीणों को सतलुज दरिया की बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है। धान की फसल पूरी तरह खराब हो गई है और उसके अवशेष भी सड़ चुके हैं। गांव की सड़कों की हालत इतनी खराब हो गई है कि कई गांव एक-दूसरे से कट गए हैं। बीएसएफ के बंकर भी पानी में ध्वस्त हो गए हैं। टेंडी वाला और कालू वाला जैसे गांवों में करीब डेढ़ सौ एकड़ जमीन सतलुज में समा गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरकार जल्द मरम्मत कार्य नहीं कराएगी, तो ये गांव पूरी तरह दरिया में समा जाएंगे।

अमृतसर के चमियारी गांव में भी रावी दरिया और मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। यहां की सड़कें गड्ढों और दरारों से भर गई हैं। गलियों में घुटनों तक कीचड़ जमा हो गया है, जिससे बुजुर्ग और बच्चे घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। गंदगी और सड़ांध के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बुखार, दस्त और त्वचा संबंधी रोगों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बावजूद इसके, अब तक किसी विशेष मेडिकल टीम की मदद नहीं पहुंची है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते दिनों उनके घरों में ढाई से तीन फीट तक पानी खड़ा रहा। हर पल यही डर बना था कि घर की छत न गिर जाए। प्रशासन और बीएसएफ की टीमें भले ही खाने-पीने की सहायता पहुंचा रही हैं, लेकिन मूलभूत आवश्यकताओं की भरपाई नहीं हो रही है।

किसानों की हालत भी बेहद खराब है। खेतों में जमा रेत और कीचड़ के कारण जमीन उपजाऊ नहीं बची। फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। आगे फसल बोने की संभावना भी बहुत कम दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इसके लिए सरकार को विशेष सहायता पैकेज की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही प्रभावित गांवों में तुरंत सड़कों, नालियों और अन्य बुनियादी ढांचे की मरम्मत करनी होगी। साथ ही, मनुष्यों और पशुओं के लिए तत्काल चिकित्सा शिविर भी लगाया जाना जरूरी है। ताकि इस आपदा की मार से राहत मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *