AIIMS रायपुर में पार्किंग शुल्क पर हंगामा, मरीजों में आक्रोश – ठेकेदार पर वसूली के आरोप

रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर में पार्किंग शुल्क वसूली को लेकर मरीजों और उनके परिजनों में आक्रोश बढ़ गया है। 11 साल बाद शुरू हुई इस व्यवस्था में ठेकेदार द्वारा 10 से 50 रुपये तक की वसूली की जा रही है, जिससे इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीज परेशान हैं। रोजाना लगभग 4,000 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं, और अब पार्किंग शुल्क उनकी जेब पर भारी पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, पार्किंग का ठेका कोरबा के कुख्यात अपराधी चीना पांडे और उसके गुर्गों से जुड़ी कंपनी ‘एसएस मल्टीसर्विसेस एम्स रायपुर’ को दिया गया है। आरोप है कि ये लोग धमकी देकर वसूली कर रहे हैं। परिसर में जगह-जगह किराया सूची के बैनर लगाए गए हैं और बिना भुगतान के प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। मरीजों का कहना है कि “डॉक्टरी जांच से ज्यादा पैसा पार्किंग में लग रहा है, ऊपर से बदसलूकी और धमकी झेलनी पड़ रही है।”
ऑटो चालकों ने भी पार्किंग शुल्क का हवाला देकर किराया 30–50% तक बढ़ा दिया है, जिससे आम मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है। एक मरीज ने कहा, “हम इलाज कराने आते हैं, लेकिन यहां पहले पैसे दो फिर गाड़ी खड़ी करो कहा जाता है। गरीब मरीज कहां जाए?”
वहीं एम्स प्रशासन का कहना है कि वाहनों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए ठेका दिया गया है और शुल्क की दरें तय हैं। हालांकि, ठेकेदार की मनमानी और गुंडागर्दी को लेकर विरोध तेज हो गया है। परिसर में हर तरफ “पार्किंग शुल्क अनिवार्य” के बैनर लटक रहे हैं, जिससे यह मुद्दा अब भर्राशाही और मुनाफाखोरी का प्रतीक बन गया है।