छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं: कोंडागांव में 12 घंटे के भीतर दूसरी बड़ी घटना, ट्रक-टिप्पर की टक्कर
छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे राज्यवासियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। खासकर कोंडागांव जिले में हाल ही में हुई दो बड़ी घटनाओं ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर कर दिया है। नेशनल हाइवे 30 पर यह दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिससे यातायात व्यवस्था और सड़क सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
पिछली रात एक तेज रफ्तार कार चालक की लापरवाही के कारण बाइक सवार दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस हादसे ने पहले से ही माहौल को तनावपूर्ण बना दिया था, लेकिन इसके मात्र 12 घंटे के अंदर ही एक और गंभीर दुर्घटना सामने आई। यह घटना कोण्डागांव जिले के दहीकोंगा क्षेत्र के पास सोमवार की सुबह लगभग 6:30 बजे हुई। एक अनियंत्रित ट्रेलर ने सामने से आ रही हाईवा वाहन को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे हाईवा पलट गई। इस टक्कर की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घटना स्थल पर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया।
अचानक हुई इस दुर्घटना के समय पीछे चल रही 108 एंबुलेंस भी ट्रेलर की चपेट में आ गई, लेकिन सौभाग्य से एंबुलेंस का स्टाफ सुरक्षित रहा और किसी को कोई चोट नहीं आई। यह घटना एक बड़ी राहत की बात रही, क्योंकि एंबुलेंस की भूमिका तो आपातकालीन स्थिति में पीड़ितों को तुरंत अस्पताल पहुँचाने की होती है। बावजूद इसके, ट्रेलर का चालक हादसे में फंस गया था। उसे स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। चालक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
घायल चालक को तुरंत जिला अस्पताल कोंडागांव में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है ताकि दुर्घटना के कारणों की पुष्टि की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकें। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि नेशनल हाईवे 30 पर अक्सर वाहन चालक तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। साथ ही सड़क की खराब स्थिति और अनुचित सड़क चिन्हों की कमी भी इस समस्या को बढ़ावा देती है।
प्रदेश भर में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है ताकि ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके। साथ ही, वाहन चालकों में जागरूकता फैलाकर और नियमित रूप से सड़कों की मरम्मत कराकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है। कोंडागांव में लगातार हो रही दुर्घटनाएं प्रशासन और समाज दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।