स्वामी आत्मानंद स्कूल में पीलिया का कहर: सातवीं की छात्रा की मौत, कई बच्चे बीमार, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

बलरामपुर. बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में पीलिया का प्रकोप लगातार गहराता जा रहा है। शनिवार को सातवीं कक्षा की एक छात्रा की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। पिछले एक महीने से स्कूल में दर्जनों छात्र बीमार चल रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही के चलते स्थिति भयावह होती जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, स्कूल में छात्रों को पीने के लिए दिया जा रहा पानी दूषित पाया गया था। गंदे पानी के सेवन से बच्चों में पीलिया (हेपेटाइटिस) फैल गया। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस बारे में बार-बार शिकायत की थी। यहां तक कि स्थानीय पोर्टल लल्लूराम डॉट कॉम ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बावजूद प्रशासन और शिक्षा विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसका नतीजा यह हुआ कि एक मासूम बच्ची की जान चली गई और कई अन्य बच्चों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
मृत छात्रा के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने शुरुआत में बीमारी को छिपाने की कोशिश की और बच्चों को समय पर इलाज उपलब्ध नहीं कराया। उनका कहना है कि यदि स्कूल और जिला प्रशासन ने समय पर जांच और उपचार की व्यवस्था की होती, तो यह दर्दनाक घटना नहीं घटती। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी रायमुनि यादव ने कहा कि “मुझे पदभार संभाले अभी अधिक दिन नहीं हुए हैं। सोमवार को स्वयं स्कूल जाकर पूरे मामले की जांच करूंगा। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि स्थानीय लोग प्रशासन के इस आश्वासन को देर से उठाया गया कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने पहले चेतावनी को गंभीरता से लिया होता, तो आज एक निर्दोष बच्ची की जान नहीं जाती।
फिलहाल स्कूल में भय और मातम का माहौल है। कई बीमार बच्चे अभी भी उपचाराधीन हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को स्कूल परिसर में पानी की जांच और चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इस घटना ने न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा किया है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार विभाग कब जागेंगे।
यह मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।